
दरअसल बेलगाम में भी आज कल दहेज़ की मांग के मामले बढ़ते ही जा रहे है.मगर हमेशा की तरह डर के मारे या बदनामी को लेकर माँ बाप और बेटी ख़ामोशी इख्तियार करते है.और जमाई राजा खुद की हिम्मत पर भरोसा करने की बजाय सास-ससुर से पैसे,रुपये,सोने की अंगूठी की ख्वाहिश रखता है.खुद तो गली कूचों खूट्टों पर कट्टों पर वक़्त गुज़ारता रहता है कमाई की तरफ तवज्जोह करने की बजाय शादी के वक़्त क्या माल-पानी मिलता है इस पर नज़र रहती है.और तमाम मामले अफ़सोस के साथ मुस्लिम मआशरे में पाए जाते है और इसमें इजाफा होता जा रहा है.कई जगह पर तो दहेज़ की खातिर बेटियों को जलाया भी जाता है.बेलगाम शहर ओ अतराफ़ में भी ऐसे मामले देखने सुनने में आये है. जब के इस्लाम और मुसलामानों का इससे दूर दूर तक वास्ता नहीं काफिराना रस्म ओ रिवाज़ को अब कुछ लोगों ने तो मुस्तहक़ बना लिया है.जिस तरह रांची में दहेज़ माँगने पर टकला किया गया और जूतों का हार पहना कर ज़लील किया गया.इसी तरह से ना सिर्फ बेलगाम बल्कि कही पर भी ऐसा हो तो इन्हे सबक सीखाने के लिए मुस्लिम मआशरे की बेटियां और यहाँ के नौजवान सतर्क रहने चाहिए.
बदन पर लगा हल्दी का रंग भी अभी नहीं उतरा था कि निकाह के चंद घण्टे के भीतर दहेज लोभी पति के साथ अपनी जिंदगी गुजारने से इंकार करते हुए रूबाना परवीन ने तलाक ले लिया। यह मामला रांची का है। दुल्हन की इस साहसी कदम को देखते हुए गाँव वालों ने दूल्हा को जूत्ते की माला पहना दिया। चन्द मिनटों में फूल माला से लदे दूल्हे के गले में जूत्ते की माला पहना दिया गया। चन्दवे की रहने वाली रूबाना परवीन की मंगलवार 25 अप्रैल की रात को मुमताज अंसारी पिता, अयूब अंसारी, जिला रांची से रूबाना की शादी होनी थी। बारात वाले भी चन्दवे गाँव पहुंच गए। चारों तरफ खुशी का माहौल था। अचानक लड़का पक्ष के तरफ से यह कहा गया कि पैशन प्रो मोटरसाइकिल नहीं, बल्कि हमें पल्सर मोटरसाइकिल गाड़ी चाहिए। इस डिमांड से लड़की वालों के होश उड़ गए। एक छोटी सी चाय की दूकान चलाने वाले दुल्हन के पिता बशीरुद्दीन अंसारी ने लड़का से कहा कि आप तो पैशन प्रो खुद शो रूम जाकर अपनी पसंद से लिए है। सब कुछ आपकी मर्जी से चल रहा है। फिर अचानक इतनी रात को यह बात कहां से आ गयी। इस पर वर पक्ष वाले वधू पक्ष से उलझ पड़े। बात बिगड़ गई। जब दूल्हा की मनमानी की बात दुल्हन को हुई तो लड़की खुद लड़का से रिश्ता तोड़ लिया और कहा कि मुझे लालची और दहेज के चलते शादी करने वालों के साथ नहीं जाना है। दुल्हन खुद दूल्हे से तलाक ले लिया।
इस वाकिये से यही सबक लिया जा सकता है के लालची दूल्हे की इसी तरह खुशामद करना ताके दूसरा कोई ऐसी हरकत करने से बाज़ आ जाए.
